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हम क्यों देखते है सपने, सपने आने के कारण – Why Do We Dream In Hindi

 

हम क्यों देखते है सपने ? सपने आने के कारण  – Why Do We can Dream In Hindi


हम सबने से कभी ना कभी एक सपना देखा ही है। सपनों का अपना एक अनोखा का नाता होता है । सपनों का संसार इतना निराला होता है कि, इसमें सभी को खो जाने का मन करता है ।सपने देखने में मन लगा रहता है । सपने देखने पर हर व्यक्ति एक अद्भुत रस का अनुभव करता है । लेकिन जब सपना टूटता है । और वह अपनी वास्तविक दुनिया से रूबरू होता है । तब उसे लगता है कि उसने क्या- ?क्या? देखा था। जो उसने सपनों में देखा था, उसका क्या मतलब है। वह सिर्फ सपना ही था और कुछ नहीं था । क्योंकि सपने हम से जुड़े होते हैं । और हमें वह सब कुछ बता देते हैं। कुछ संकेत देते हैं। कुछ हमें दिखाने के लिए आते हैं। इसलिए सपनों का एक विशेष महत्व है और सपनों का अपना एक विशेष विज्ञान है। सपने सभी के अलग-अलग होते हैं और एक ब्यक्ति के सपनों पर दूसरे व्यक्ति का कोई भी हस्तक्षेप नहीं हो सकता है । क्योंकि दो व्यक्ति, दो अलग -अलग व्यक्ति होते हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि हमारे सपने अलग-अलग होते हैं। लेकिन सपने में देखे जाने वाले कुछ तस्वीरें घटनाएं ऐसी होती हैं। जो प्रायः लोगों के सपनों में आया ही करती हैं । जैसे अपने लोगों को देखना, नदियों का बहता हुआ देखना, बाढ़ देखना ,ऊपर से गिरते हुए देखना ,पशु पक्षियों को देखना, शिवलिंग देखना, सांप देखना, चलती ट्रेन देखना, बस के पीछे भागना, किसी लड़की को देखना ,आदि ,आदि, आदि । इस प्रकार के सपने निराले सपने हम देखते रहते हैं । सपनों की दुनिया आनंदमय है ।निराली है ।इसका कोई किनारा नहीं है । जीवन समाप्त होने पर ही हम सब के सपने समाप्त होते हैं ।और हम यह सपने क्यों देखते हैं ? हमें यह सपने क्यों आते हैं ? इनका क्या कारण है ? और इनकी क्या वजह है ? और यह हमें क्या क्या संदेश देते हैं ? इन सब के बारे में हम यह विशेष लेख पढ़ेंगे । जिसमें सपने आने के कारण उसके मतलब और अर्थ के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे। तो आइए अब पढ़ते हैं। हम क्यों देखते हैं सपने? 100%

 सपने हम क्यों देखते हैं?

 सपने हमें क्यों दिखाई दे जाते हैं ?सपनों का ताना-बाना कैसे बना होता है? यह कहां से आते हैं इनका हमारी भाषा की जिंदगी में क्या नाता होता है। इस तरह के सपनों के बारे में कई तरह के सवाल हमारे मन मस्तिष्क में उठाकर या करते हैं। जब से इंसान ने नींद लेना शुरु कर दिया ,सोना शुरू कर दिया तब से सपने भी उसके अपने अस्तित्व में आने लगे, उसे दिखाकर हंसाने और रुलाने लगे ।यह तब भी एक अजीब अबूझ पहेली थी ।और आज भी एक अबूझ पहेली की तरह जिदंगी की तह तक जाने की कोशिश की जाती है। जिनके तह तक कोई पहुंच नहीं पाया है । क्योंकि जितने लोग हैं, उतने तरह के लोग सपने देखते हैं ।और उतनी ही तरह की सपनों की वजह उसकी फल आदि सामने आते हैं।
इस तरह हमें सपनों में बहुत सारे ऐसे दृश्य अदृश्य रूप दिखाई देते हैं । जो हमारे वास्तविक जीवन में संबंधित होते हैं । और कई ऐसे भी रूप और दृश्य दिखाई देते हैं जिसे हम पूरी तरह से अपरिचित होते हैं। उनका हमारे वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं होता है । जिन्हें हमने कभी नहीं देखा होता है । विशेषज्ञों का ऐसा कहना और मानना है कि सपने में हमें जो भी देखने को मिलता है उसका इस संसार में किसी न किसी रूप में कहीं ना कहीं से अस्तित्व जुड़ा होता है ।एक दूसरे से जुड़े होते हैं। भले ही हमें उसके बारे में पता हो या ना हो।

 सपनों का विज्ञान मनोविज्ञान विशेषज्ञों के अनुसार

 सपनों की दुनिया अनंत है। इसका कोई किनारा नहीं । यह सपने जीवन समाप्त होने पर ही समाप्त होते हैं। दिन हो या रात यदि व्यक्ति सोता है तो उसे सपने दिखाई दे सकते हैं। लेकिन गहरी नींद में होने पर उसे सपने नहीं दिखाई देते। मनो विशेषज्ञों के अनुसार हमारी नींद के चार चरण होते हैं । इनमें सबसे आखरी चरण रैपिड आई मूवमेंट (आर ई एम) है । जिसमें हम सपने देखते हैं। इसलिए जो व्यक्ति सपने देख रहा होता है उसकी आंखें यदि, आधी खुली हो तो आसानी से यह देखा जा सकता है कि, उसकी आंखों की पुतलियां घूम रही है। यानी कुछ देख रही है। इस अवस्था में हमारा दिमाग तो सक्रिय होता है। लेकिन अंगों का कार्य संचालन रुका होता है। यही स्थिति तब तक बनी रहती है ,जब तक कि दिमाग के वहीं हिस्से फिर से एक्टिव नहीं हो जाते हैं  जो शरीर की हलचल के लिए जरूरी होते हैं । कभी-कभी व्यक्ति के सपने बहुत स्पष्ट होते हैं तो कभी कभी सपने बहुत धुधंले होते हैं । कभी कभी देखे जाने वाले सपने अपने रियल लाइफ में घटित भी हो जाते हैं। और कभी-कभी ऐसे सपने दिखाई देते हैं जिनका वास्तविक जीवन से कोई लेना देना नहीं होता है। वह वास्तविक जीवन से विपरीत होते हैं । हमारे द्वारा प्रतिदिन देखे जाने वाले सपने हमेशा भिन्न होते हैं ,अलग तरह के होते हैं  । हमारे कुछ सपने लुभावने होते हैं । तो कुछ सपने डरावने भी होते हैं ।

 सपनों से संबंधित कुछ अनोखे तथ्य :-- 

सपनों के बारे में जानने की क्यूरिसिटी लोगों में हमेशा बनी रही है। विशेषज्ञों के अनुसार इस पृथ्वी पर हर रात हर अरबों सपने देखे जाते हैं। औसतन हर व्यक्ति एक रात में 3 से 5 सपने देख सकता है । इस तरह हम अपनी जिंदगी में लगभग 6 साल सिर्फ सपने देखने का कार्य करते हैं ।आश्चर्यजनक बात यह है कि बात यह है कि उन सपनों में से महज 5 परसेंट ही हमें याद रहते हैं और बाद में वह भी भूल जाते हैं ।
         2- एक रिपोर्ट के अनुसार सपनों के बारे में लिखी गई                सबसे पहली किताब मिस्र में है ,जो हजारों वर्ष पुरानी है             ।मेसोपोटामिया में लगभग 5000 ईसा पूर्व मौजूद                  सभ्यता ने स्वप्न के चिन्ह और उनके अर्थों को मिट्टी की               गोलियों पर उकेरा था । जो इस बात के प्रतीक हैं कि               सपने वास्तव में प्राचीन काल की सभ्यताओं के लिए                भी रुचि का विषय था।
           
3-भारतीय ज्योतिषी शास्त्र में तो सपनों के लिए  एक।             पूरा शास्त्र ही है। सपनों पर मनोविज्ञान विषय में भी ।                17वीं सदी से काम हो रहा है। अरस्तु से लेकर                     सिगमंड फ्रायड तक सब ने सपनों को अपने वास्तविक।            जीवन का संकेत माना है । आयुर्वेद भी सपनों की।                 वास्तविकता को स्वीकार करता है ।
         
 4- सपने हमारे मस्तिष्क की कोई दबी हुई इच्छा हो                 सकते हैं। या फिर हमारे ब्रेन पर किसी घटना विशेष का।            प्रभाव हो सकते हैं। अथवा यह सपने हमारे भविष्य की।         कोई सूचना भी दे सकते हैं ।
         
5-तंत्रिका विज्ञान की कुछ शोधों ने अभी हाल में यह                  जानने की कोशिश की थी कि हम सपने क्यों देखते हैं ।             सपनों में देखा जाने वाला घटनाक्रम कहां से उत्पन्न                होता है। इस शोध में पाया गया कि ज्यादातर सपने                   हमारी भावनाओं से जुड़े होते हैं। 
          
6-मनोविज्ञान और ज्योतिष शास्त्र दोनों ही इस बात पर          एकमत हैं कि सपने हमारे बारे में बहुत कुछ बताते हैं।              मनोविज्ञान कहता है कि सपनों का आकलन मानसिक व          शारीरिक सेहत पर निर्भर है। और ज्योतिष अपने संकेतों।         के आधार पर सपनों का अर्थ खोजता है।
       
 7- सपनों के बारे में दिलचस्प बात यह है कि जिसका               जितना ही ज्यादा आई क्यू होता है। उसे उतने ही ज्यादा।          सपने आते हैं । कुछ अध्ययनों में पता चला है कि                  जानवर भी सोते समय मनुष्य की तरह सपने देखते हैं ।           

 8-  जन्म से दृष्टिहीन लोगों को भी सपने आते हैं। लेकिन           उन्हें कोई तस्वीर नहीं दिखती बल्कि उन्हें सपनों में।                आवाज ,गंध, स्पर्श और भावनाएं ही नजर आती हैं।                 
9-औसतन एक मनुष्य रात में चार सपने देखता है और 1       साल में 1460 सपने देखता है। कुछ सपने ऐसे होते हैं जो        लगभग हर किसी को आते हैं ।जैसे ऊंचाई से गिरना, किसी।      चीज के पीछे दौड़ना, हवा में उड़ना आदि।
     
10- हमारे कुछ सपने ऐसे होते हैं जिनमे हम अपनी                 इच्छाओं को भी पूरा होते हुए देखते हैं। जो कि वास्तविक।         जीवन में पूरे नहीं हो पाते हैं । परीक्षा छूट जाना, ट्रेन का।         छूट जाना, ऑफिस लेट से पहुंचना, ऊपर से गिरना, पाने।       की असफल कोशिश करना आदि ।इस तरह के भी सपने।          आते हैं देर होने से संबंधित सपनों से यह पता चलता है कि।       व्यक्ति कुछ कार्य पूरा करने का चांस खो चुका है।
      
 11-कुछ स्वप्न अशुभ भी होते हैं ।जैसे कि स्वप्न में।                      परिजनों की मृत्यु देखना, किसी को मरते हुए                           देखना,किसी को बीमारी से ग्रस्त देखना, किसी का।              अंग भंग देखना, आदि।

 सपनों के बुरे प्रभाव से बचाव:-

इस तरह के स्वप्न का बुरा प्रभाव ना हो इसके लिए भी कुछ विधान बताए गए हैं। जैसे श्रीरामचरितमानस के अयोध्या कांड का प्रसंग है। जब अयोध्या नरेश दशरथ स्वर्ग सिधार जाते हैं। और श्री राम बनवास प्रस्थान कर जाते हैं, तब भरत को कुछ अपशकुन होते हैं । और साथ ही वे बुरा सपने भी देखते हैं । वे रात में भयंकर सपने देखते थे ।और जागने पर करोड़ों तरह की बुरी -बुरी कल्पनाएं किया करते थे । वह प्रतिदिन ब्राह्मणों को भोजन करा कर दान देते थे ।अनेकों विधियों से रुद्राभिषेक किया करते थे। और महादेव जी को हृदय में मान कर उनके माता-पिता, कुटुंबी और भाइयों का कुशलक्षेम मांँगते थे। भरत जी जिस प्रकार दुःहस्वपनों के निवारण हेतु दान, पूजन, रुद्राभिषेक ,प्रार्थना आदि करते थे, उसी तरह व्यक्ति को भी ये पुण्य कर्म करने चाहिए, ताकि उसके जीवन में अशुभ का प्रवेश ना हो ।