खुश रहना कैसे सीखे ? खुश कैसे रहें !

आजकल  हम खुश रहने के लिए कितनी भागदौड़ करते हैं । खुश रहने के लिए सुबह से शाम तक काम करते हैं । लोगों से झूठ बोलते हैं ,नई-नई चाले सोचते हैं ,नई-नई चालें चलते हैं ,फिर भी अक्सर हमारी खराब मनोदशा हमारे कार्यों में बाधा डालती रहती है । हम खुश नहीं रह पाते हैं । और हमारे कार्य सही ढंग से पूरे नहीं हो पाते हैं । खराब मन के कारण चाहे जो कुछ भी हो लेकिन सारे दिन उस बिगड़ी हुई खराब स्थिति के साथ हम रह भी नहीं सकते और खुश रहने के उपाय सोचते रहते हैं । अपनी मनोदशा को ठीक करने की कोशिश करते रहते हैं । लेकिन यह सही नहीं हो पाता । हमें अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों में, अपने मन को खुश रखने की कोशिश करने की कला आनी चाहिए । अपने जीवन शैली में कुछ ऐसी चीजों को, तरीकों को, हमें अपनानी चाहिए । जीवन शैली को अपनाए जाने से, हमारे जीवन में , हमारी मनोदशा में तेजी से बदलाव आता हैं, जिससे हम खुश रह सकते हैं । आज हम खुश रहने की कुछ जरूरी टिप्स के बारे में बात करेंगे ।100%

 हमेशा मुस्कुराते रहो :-



अक्सर आप लोगों ने सुना होगा कि ,लोग कहते हैं कि ,मुस्कुराने की आदत डालें । शोधों का अध्ययन भी कहता है कि ,अगर हमारा मन खुश ना भी हो तो भी हमें जबरदस्ती मुस्कुराने चाहिए । मुस्कुराने से हमें  यह फायदा होता है कि, इससे हमारे शरीर में खुशी पैदा करनेवाले  endorphins हारमोंस पैदा हो जाते हैं । यह हार्मोन चेहरे की मांसपेशियों के फैलने से उत्पन्न होते हैं ।और शरीर में तनाव को कम रखने वाले हारमोंस भी पैदा करते हैं । इसलिए, भले ही हमारे दिल में खुशी  का एहसास ना हो पाए , हमें दिल से खुशी ना आए ,लेकिन अपनी मुस्कान सदा अपने साथ रखनी चाहिए । हमें हमेशा मुस्कुराते रहने की आदत डाल लेनी चाहिए । मुस्कुराते रहने से हमें अपने लिए आत्म संतुष्टि मिलती है।  और लोगों को भी हमारा खिलता चेहरा देखकर खुशी का अहसास होता है ।लोग अच्छे से  बिहेव करते हैं । इसलिए भले ही हम, दिल से खुश ना हो पाए, लेकिन अपनी मुस्कान सदैव अपने साथ रखनी चाहिए ।

अपने लोगों को गले से लगाना सीखिए :-

अपने लोग ही अपने काम आते हैं ।और हम अपने लोगों के बीच में ही रहना पसंद करते हैं ।इसलिए हमें अपने लोगों से जब भी मिले तो गले लगाकर के मिलना चाहिए ।क्योंकि छूने से न केवल तन का ही बल्कि मन का भी मिलन हो जाता है ।गुड टच हमारे मन में तुरंत जादुई प्रभाव दिखाता है। और व्यक्ति के मनोभावों को बदल देता है । इससे शरीर में खुशी देने वाले हार्मोन निकलने लगता है । उदासी के क्षण दूर होने लगते हैं ।उदासी के  समय में किसी को भी प्यार से गले लगाओ तो वह अपने आपको खुशी महसूस करने लगता है ।जिसे शब्दों में व्यक्त करना असंभव सा होता है । लेकिन इसका असर कहे जाने वाले कई हजार शब्दों से भी बढ़कर होते हैं । इसलिए लोगों को अपने से मिलते समय लोगों को गले लगा कर मन से मिलना चाहिए । और  लोगों को गले लगाकर मिलिए ।

 दूसरों की मदद करना सीखिए :-

यदि कोई व्यक्ति अपनी ही परेशानी में गिरा हुआ है और वह कुछ भी नहीं सोच पा रहा है ।उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा है ।वह क्या करें ।ऐसे में भले ही हमारा जीवन उलझा हुआ हो लेकिन दूसरों का जीवन आसान बनाने में उसकी मदद हमें करनी चाहिए । निस्वार्थ भाव से की गई मदद से स्वयं को जो खुशी होती है और दूसरे के मन में प्रसन्नता होती है । दूसरों की मदद करने से, मदद करने वाला व्यक्ति भी प्रसन्न हो जाता है और आत्मविश्वास से भर जाता है । इसलिए हमें लोगों की मदद करने में तत्पर रहना चाहिए ।

लोगों के द्वारा किए गए मदद के लिए आभार प्रदर्शन करें :-

हर इंसान को किसी ना किसी की मदद की जरूरत होती है । और पूरे जीवन में किसी न किसी की मदद की सहायता से वह आगे बढ़ पाता है । जीवन में हमारे पास सभी सुविधाएं हमेशा नहीं रह पाती हैं लेकिन जो भी साधन और सुविधाएं हैं उन सबके लिए हमें दिल से आभार व्यक्त करना चाहिए । छोटी-छोटी मदद के लिए दूसरों का धन्यवाद जरूर करें । यदि जोर से नहीं कर पाते,तो मन ही मन लोगों का शुक्रिया अदा करें ।दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास जरूरी सुख ,सुविधाएं ,साधन, नहीं है फिर भी खुश हैं ।और कम साधन सुविधाओं में भी अपना जीवन अच्छी तरह से व्यतीत करते हैं। और कुछ नया कर डालते हैं । बहुत से अपंग या दिव्यांग लोग भी हैं जो अपने जीवन में ऐसे कार्य कर डालते हैं जो सामान्य लोगों को आश्चर्य में डाल देते हैं । इसलिए हमें अपनी सही सलामत शरीर व मन के लिए ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए ।और लोगों के द्वारा समय-समय पर किए गए सहायता के लिए भी आभार व्यक्त करना चाहिए । इसी से हमें सुखी जीवन मिल सकता है ।

 अच्छे गाने और भजन सुने :-

मनपसंद गाने हमारे मन की तरंगों को बदल डालने की क्षमता रखते हैं । प्रकृति में किसी न किसी रूप में संगीत की लहरें उठती रहती हैं ।जैसे नदियों की कलकल ,पक्षियों की चहचहाहट ,बहने वाली हवा की सरसराहट आदि ।आदि। यह सभी अच्छी भावनाएं हमारे मनोभावों को बदलने की क्षमता रखते हैं ।संगीत के इन स्वरों को हमें अपने जीवन में उतारने चाहिए । यह सुंदर संगीत और भजन हमारे मन में पॉजिटिव असर डालते हैं ।संगीत सुनते समय ध्यान जरूर रखें कि  उदासी वाले गीत या सैड सोंग्स ना सुने । हमें हमेशा मन को खुश कर देने वाले और शांति देने वाले संगीत सुनने चाहिए । एक शोध के अनुसार मनपसंद गीत सुनने से हमारा मन  तरोताजा हो जाता है, और हमारे मन के अंदर जोश भर जाता है । मन के उदास होने पर या मनोदशा खराब होने पर हमें ऐसे कार्यक्रम देखने और सुनने चाहिए जिससे हमारी सोच और मनोदशा पर पॉजिटिव प्रभाव पड़े । किसी भी चीज को देखने और सुनने पर हमारे मन पर तुरंत और गहरा प्रभाव पड़ता है ।इसलिए मन को खुश कर देने वाले कार्यक्रम ही देखे ,और सुने ।

प्रकृति के समीप भी रहना सीखें :-

 हमें अपने मन को खुश रखने के लिए नेचर के संपर्क में स्वयं को ले जाना चाहिए । जैसे किसी पेड़ के नीचे बैठना, बहती हुई नदी के समीप बैठना ,खुली हवा में बैठना, उड़ते हुए पक्षियों को देखना ,आकाश में उड़ते हुए बादलों को देखना ,आदि आदि । बच्चों को खेलते हुए देखना आदि । सभी क्रियाकलापों को देखने से हम प्रकृति के नजदीक पहुंच जाते हैं, और  प्रकृति की नई ऊर्जा हमारे मनोभावों को तेजी से बदल देती है । इसलिए हमें ऐसी वातानुकूलित जगहों से थोड़ी दूरी बनाकर  नेचर के नजदीक जाकर समय बिताने की कोशिश करनी चाहिए । ताकि हम आंतरिक रूप से खुश रह सके।

 मन में हमेशा पॉजिटिव थिंकिंग ही रखें :-

यदि हमारे मन की आंतरिक दशा खराब है तो भी हमें मन में अच्छी बातें ही रखनी चाहिए ।खराब मनोदशा में हमारे मन में अच्छी बातें नहीं आ सकती हैं ,लेकिन इस समय भी हमें स्वयं से अच्छी बातें ही कहानी चाहिए, हमें अच्छी पुस्तकों को पढ़ना चाहिए । हमें मन में सकारात्मक विचार देने वाले वाक्यों को दोहराना चाहिए । इस कार्य से हमारे मन का तनाव कम होता है और हममें आत्मविश्वास बढ़ जाता है । इसलिए मन की दशा खराब होने पर भी हम स्वयं से यही कहें कि, हम अपने हर कार्य को कर सकते हैं । हममें अपार साहस भरा हुआ है । हम सदैव आगे बढ़ सकते हैं । हमें चुनौतियों को स्वीकार कर लेने की क्षमता है । ईश्वर सदा हमारे साथ है ।वह हमारी हर अच्छे कार्यों में सहयोगी है । इस प्रकार से पूरे आत्मविश्वास को अपने हृदय में स्थान देना चाहिए । और सकारात्मक विचारों में ही ध्यान देना चाहिए । इस प्रकार से सकारात्मक विचारों के बल पर हम खुश रह सकते हैं ।