पर्सनालिटी डेवलपमेंट आफ चिल्ड्रन

बच्चों का व्यक्तित्व विकास

व्यक्तित्व विकास की पहली पाठशाला है घर परिवार A family helps to shape the personality of a child


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आज के बच्चे कल के भविष्य होते हैं ।बच्चों का सही पालन पोषण करना हर माता पिता की जिम्मेदारी होती है । बच्चों के व्यक्तित्व का विकास सही हो, इसके लिए उसके पालन- पोषण के समय बहुत ही समझदारी की जरूरत होती है । बच्चों के मन को समझना आसान कार्य नहीं है, उनके मन को समझ कर उसी के आधार पर किया गया हर कार्य एवं व्यवहार बच्चों के पर्सनालिटी में व्यापक परिवर्तन लाता है ।बच्चों का जहां पर लालन-पालन होता है वह जगह घर परिवार ही होता है । वहीं से बच्चों के जीवन का विकास शुरू होता है । बच्चों के अपने जीवन में यदि अगर सबसे पहले किसी जगह से परिचय प्राप्त होती है, तो वह जगह  है, उसका घर और परिवार उसका घर परिवार वह सुरक्षित जगह है जहां पर बच्चों को भरपूर पोषण, प्यार, दुलार, अपनापन, कई प्रकार की शिक्षाएं और उचित मार्गदर्शन प्राप्त होता है । इस प्रकार से घर परिवार हमारे बच्चों के व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है । आज हम इसी के बारे में व्यापक चर्चा करेंगे ।100%

बच्चे घर परिवार में सुरक्षा और विश्वास का भाव सीखते हैं:-

हमारे नन्हे मुन्ने बच्चों की सपनों की दुनिया घर परिवार से शुरू होती है और पूरे जीवन घर के साथ ही जुड़ा होता है । दुनिया का हर इंसान घर के बिना रह ही नहीं सकता है। घर छोटा है कि बड़ा इस बात का इतना महत्त्व नहीं होता, बल्कि इस बात का ज्यादा महत्व है, कि घर के अंदर कितना आपसी प्रेम, प्यार और विश्वास भरा हुआ है । बच्चों के लिए घर का महत्व और भी ज्यादा है क्योंकि घर में ही उन्हें वास्तविक स्नेह और दुलार मिलता है । माता पिता उनके संरक्षक होते हैं । भाई बहन उनके साथी होते हैं । और दादा-दादी उनके हितेषी होते हैं । यदि घर का माहौल शांत और सकारात्मक है तो बच्चों में बहुत ही अच्छी तरह से पर्सनैलिटी डिवेलप हो जाती है । लोगों का सम्मान करना, बैठने का ढंग सीखना, समय का प्रबंधन करना, आदि बहुत ही आवश्यक बातें बच्चे घर से ही सीखना प्रारंभ कर देते हैं । घर में उन्हें सुरक्षा का भाव मिलता है, स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकते हैं । उन्हें देखने और सीखने की जरूरत होती है जो उनके बड़े बूढ़े प्रदान करते हैं । और उन पर उन्हें विश्वास भी होता है । और इस प्रकार से बच्चों के व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक एवं प्रारंभिक व्यवस्था घर में ही मिल जाती है ।

बच्चों में अच्छा व्यवहार घर के माहौल से आता है :-

बच्चों का मन बहुत ही संवेदनशील होता है । उनके कोमल मन पर आसपास के वातावरण का एवं व्यवहार का बहुत प्रभाव पड़ता है, और बड़ा जल्दी और गहराई तक प्रभाव पड़ता है । उनके आस पास होने वाला है अच्छा या बुरा व्यवहार उनके मन की गहराई में उनके व्यवहार का बीज बोने का काम करता है । घर परिवार का अच्छा व्यवहार बच्चों के व्यवहार एवं व्यक्तित्व को निखारती है । उन्हें सुसंस्कारित बनाता है । वही घर पर मिलने वाला बुरा बर्ताव एवं व्यवहार, अभद्रता का वातावरण, कुसंस्कार का वातावरण पैदा करता है । उनके व्यक्तित्व में कई प्रकार की कमी को पैदा कर देता है ।उनका व्यवहार कुंठित हो जाता है । अमर्यादित, और अभद्र हो जाता है । घर परिवार का माहौल और व्यवहार बच्चों के व्यक्तित्व में गहराई तक प्रभाव डालता है ।

घर परिवार की अच्छी परंपराएं बच्चों के व्यक्तित्व को निखारती हैं :-

बच्चों में एक खास गुण होता है कि वह किसी भी बात की नकल बड़ी जल्दी और आसानी से कर लेते हैं इसलिए घर परिवार में लोगों के बातचीत करने का ढंग एवं लहजा घर परिवार के सदस्यों के व्यवहार का तरीका, घर की अच्छी है बुरी परंपराएं आदि, सबको बच्चे वैसी की वैसी ही जैसा कि देखते है, अपने जीवन में बड़ी जल्दी ही उतार लेते हैं और उस व्यवहार के ढंग को गहराई से अपना लेते हैं । उनके घर -परिवार में रहन-सहन, खान-पान का माहौल जो उनके बचपन से ही उन्हें मिला होता है वही उनके जीवन का अंग बन जाता है । इस प्रकार घर परिवार का माहौल व्यक्तित्व को एक सांचे में ढालने का कार्य करता है जो उसके पूरे जीवन के लिए baseया प्लेटफार्म का कार्य करता है । इसलिए हमें अपने घर परिवार में सिर्फ अच्छी परंपराओं और आदतों, व्यवहार, रहन-सहन, खान-पान को ही स्थान देना चाहिए ।  और बड़ों को विशेष रूप से छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर सुधार करना चाहिए । और घर परिवार को स्वस्थ माहौल देना चाहिए, ताकि बच्चों का व्यवहार और व्यक्तित्व  विकसित हो सके ।

बच्चे अपने बुजुर्गों से ही सम्मान करना सीखते हैं :-

कहीं-कहीं घर परिवार के सभी सदस्य अपने से बड़ों के साथ बहुत ही रुखा व्यवहार करते हैं । उनकी भावनाओं का सम्मान नहीं करते हैं, उनकी बातों को अनसुना कर दिया जाता है, तो यह गैर जिम्मेदाराना व्यवहार देख-सुनकर बच्चे भी व्यावहारिक रूप से कमजोर होते जाते हैं । क्योंकि वे अपने माता-पिता के दोहरे चरित्र को देखते हैं एवं उनके अंडरस्टैंडिंग को नहीं देख पाते हैं । इसलिए बच्चों के अंदर दूसरे को समझ पाने और सम्मान देने की क्षमता नहीं आ पाती है । ऐसे बच्चों के अंदर आत्मविश्वास और आत्मसम्मान की कमी पाई जाती है ।जहाँ परिवार के सदस्य एक दूसरे का बेकार में मजाक उड़ाते रहते हैं, बच्चों को बात-बात में कुढ़ते हैं । तो उन बच्चों के अंदर कई कमियां एवं हीन भावनायें पनपती जाती हैं, और वे अपने आप को असुरक्षित समझने लगते हैं । और अपनी सुरक्षा के लिए उग्र स्वभाव वाले, एग्रेसिव बिहेवियर, वाले बन जाते हैं । इस प्रकार घर के अंदर बच्चे अपने माता-पिता एवं परिवार के अन्य सदस्यों से जो सीखते हैं उसी को व्यवहार में उतारते हैं । लेकिन जब माता-पिता एवं परिवार के अन्य सदस्य का कार्य-व्यवहार सुन्दर एवं संस्कारित होता है और सभी बड़े-बूढ़े,बच्चों की बातों को,और बच्चें अपने बड़े बूढ़ों की बातों को सुनते हैं, और एक दूसरे से साझा करते हैं तो ऐसे बच्चे अन्य बच्चों की तुलना में अधिक व्यवस्थित जीवन व्यतीत करते हैं इसके विपरीत जहां पर असंयमित व्यवहार होता है वहां के बच्चे कुसंस्कारित बन जाते हैं ।

घर परिवार के सदस्यों की उपेक्षा घातक होती है :-

  • बच्चों की अपनी दुनिया काफी छोटी होती है, लेकिन उनकी जिज्ञासा, curiosity,इच्छा, अपनी पहचान बनाने की इच्छा,बड़ी होती है उन्हें लगता है कि घर के सदस्यों के साथ एक खास रिश्ता बनाया जाए । घर के सभी सदस्य उनसे प्यार करें इसके लिए वे पहल भी करते हैं, लेकिन जब घर के बड़े सदस्य उन्हें छोटा बच्चा समझकर पीछा छुड़ा लेते हैं, तो वे बच्चे घर के सदस्यों से ही दूरियां बनाने लगते हैं, और यदि एक परिवार के सदस्यों की और बच्चों के बीच दूरी बढ़ गई तो फिर नजदीकी रिश्ता बन पाना संभव नहीं होता है । इसलिए घर परिवार का माहौल बच्चों के अनुकूल बनाना बहुत जरूरी होता है । और यदि बच्चों का घर परिवार में अनुकूल माहौल मिल जाता है, तो ऐसे ही बच्चों का व्यक्तित्व अन्य बच्चों से अच्छा बन जाता है । और यदि घर पर ही उन्हें उपेक्षा की दृष्टि से देखा जाता है और उन्हें अनुकूल माहौल नहीं मिल पाता है, तो उनकी सपनों की दुनिया खत्म हो जाती है । उनका आत्मविश्वास खत्म हो जाता है । और वास्तविक व्यक्तित्व का विकास रुक जाता है । इसलिए बच्चों को बच्चा समझकर उपेक्षा करना बच्चों को बच्चों के व्यक्तित्व के लिए खतरनाक साबित होता है । इससे बचें । बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं जैसा आप चाहोगे वे वैसे ही ढ़ल जायेंगें । इसलिए उनके पालन-पोषण में माता-पिता को कुछ बातों का निश्चित रूप से ध्यान रखना चाहिए । जो इस प्रकार है :-
  • बच्चों की दुनिया को संवारने के लिए मदद करनी चाहिए । उन्हें जीवन जीने का ढंग परिवार के सदस्य स्वयं के उदाहरण से दें, जो बच्चे adopt कर सकें ।
  • रिश्ते का महत्व और निभाने का तरीका बच्चे घर परिवार से ही सीखते हैं इसलिए बड़ों को बड़े संयमित रूप से और सही ढंग से रिश्ते निभाने चाहिए । और उन्हें अहमियत देनी चाहिए । ताकि उनमें positive relationship निभाने की आदत विकसित हो सके ।
  • सफलता और असफलता जीवन भर लगे रहते हैं । बच्चों को जीवन में मिलने वाली असफलताओं के क्षणों में बच्चों का साथ दें । उनका मनोबल ना गिरने दे । बल्कि उन्हें दोबारा प्रयास करने के लिए प्रेरित करें । उनका हौसला बढ़ाएं ।
  • बच्चों की असफलताओं को नकारात्मक नजरिए से ना देखे । उन्हें कभी भी भला-बुरा ना कहें और ना ही उनकी किसी से तुलना करें क्योंकि इस व्यवहार का उनके कोमल मन पर बहुत बुरा और भयंकर प्रभाव पड़ता है । इसलिए ऐसे अवसरों पर परिवार के सदस्यों को सचेत, सावधान और संवेदनशील होने की जरूरत पड़ती है ।
  • बच्चों को अब आप जिस सांचे में ढालेंगें वे उसी सांचे में ढल जाएंगे । इसलिए बच्चों को ऐसा बनाना चाहिए कि वे जीवन में मिलने वाले असफलताओं, तनाव, चिंता, अवसाद, निराशाजनक और नकारात्मक स्थितियों को धैर्य पूर्वक सहन कर सके । और इन परिस्थितियों का उचित हल ढूंढ सके । ताकि वे अपने आस-पास खुशी,सुख, शांति और सेवा भाव को अनुभव कर सके । और अपने आसपास फैला सके ।
  • सिंगल फैमिली में माता-पिता बच्चों को समय कम दे पाते हैं जिसके कारण बच्चे सुख-सुविधाओं तो सारी पा जाते हैं,लेकिन माता पिता के प्यार और समय को पाने के लिए तरसते रहते हैं । इस बात का उनके व्यक्तित्व पर गहरा असर पड़ता है । इसलिए बच्चों के लिए प्यार और समय बचा कर रखें ।
  • बच्चों को घर परिवार में इतना प्यार मिले की उन्हें  प्यार पाने के लिए कहीं अन्यत्र भटकने की जरूरत ना पड़े । उन्हें यह एहसास हो कि उनके माता-पिता एवं अन्य परिवार के सदस्य हमेशा हर कदम पर उनके साथ-साथ हैं। चाहे मन की स्तिथि कैसी भी हो बच्चों का यही विश्वास उन्हें पूरे जीवन में आगे बढ़ने में मदद करता है ।magnetic personality smartness kaise paye.